द फॉलोअप डेस्क, रांची
झालसा के निर्देश पर न्यायायुक्त के मार्गदर्शन में 30 मई को रांची के गोसनर कॉलेज में नशा उन्मूलन पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एलएडीसी अधिवक्ता राजेश कुमार सिन्हा ने अफीम, गांजा, हिरोईन, ब्राउन शुगर का व्यापार करना तथा अफीम की खेती करने से संबंधित अपराध के बारे में जानकारी दी। औषधि और प्रसाधन सामाग्री अधिनियम 1940 के बारे में छात्र-छात्राओं को बताया। इसके अलावा एनडीपीएस, एनसीबी तथा संविधान के अनुच्छेद-47 के संबंध में फोकस किया।
नशा मुक्त समाज बनाना हमारा मकसद - पी.एन. सिंह
वहीं मध्यस्थ पी.एन. सिंह ने कहा कि नशा हम सब के लिए एक अभिशाप है, जो हमारे समाज में आम है। अच्छी शिक्षा के अभाव में लोग कम उम्र में ही नशा जैसे शारीरिक परिणामों का शिकार हो जाते हैं और आजीवन नशे की लत में रहते हैं। नशा मुक्ति का मकसद होता है किसी व्यक्ति या समाज को नशे से मुक्त करना। इसके साथ ही नशे का सेवन करने से बचाव या नशे की लत को दूर करने का प्रयास है।
नशा शरीर की गुणवत्ता को समाप्त कर देता है- अतुल गेरा
लाईफ सेवर्स एनजीओ के अतुल गेरा ने नशा से होने वाले प्रभाव के बारे में छात्रों को जागरूक किया। उन्होंने कहा कि नशा न कर मनुष्य स्वस्थ रहता है। नशा शरीर की गुणवत्ता को समाप्त कर देता है। इसका प्रभाव पूरे परिवार पर पड़ता है। नशा से परिवार का आर्थिक, मानसिक और शारीरिक क्षति होता है, जिसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि नशा के आदि व्यक्ति का पूरा पैसा नशा करने में खर्च होता है, जिसका प्रभाव उसके परिवार पर पड़ता है और परिवार नष्ट हो जाता है।
कार्यक्रम में एलएडीसी अधिवक्ता राजेश कुमार सिन्हा, मध्यस्थ पी.एन. सिंह, लाईफ सेवर्स एनजीओ के अतुल गेरा, गोसनर कॉलेज के शिक्षक-शिक्षिकाएं डॉ. एस. के. सिन्हा, डॉ श्यामलता, प्रो. तृप्ति, विधि के छात्र-छात्राएं, अक्क्षिता कुमारी, कुमारी काजल, असमीत पटेल, अंजिता राय, शाम्भवी, सोनल, अक्षत पराशर, अक्षर आदित्य, पीएलवी मानव और राजा मौजूद रहे।